A REVIEW OF MORAL

A Review Of moral

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शाम को एक शिकारी कबूतर का शिकार करने आया। कबूतर इस बात से अनजान था और आराम से सो रहा था। चींटी ने जैसे ही शिकारी को देखा तो उसने उसके पांव में जाकर काट दिया। इससे उस शिकारी की चीख निकल गई और वो चिलाने लगा। उसकी चीख से कबूतर जाग गया और उड़ गया। कबूतर ने चींटी की जान बचाकर जो नेक काम किया था। आज उसी ने उसकी जान बचाई है।

किसान राजा से कहता है कि मैंने चोरी की, लेकिन मेरे परिवार ने उस अनाज का एक निवाला भी नहीं खाया। गरीब किसान की बातें सुनकर राजा बहुत दुखी हुआ और उसने किसान को बताया कि अतिथि के रूप में मैं स्वयं तुम्हारे घर आया था। 

बहुत देर तक कोशिश करने के बाद वो सोचने लगी कि, अब कोशिश करना बेकार है। वह अपने आप से कहने लगी अब उसे ये अंगूर नहीं चाहिए, यह तो खट्टे है। लोमड़ी का व्यवहार ये बताता है कि जब हम किसी चीज को पाने में असफल हो जाते है तो उसमें कमियां निकालने लगते है। थोड़ी देर बाद लोमड़ी चुपचाप जंगल के दूसरी ओर निकल पड़ी।

परीक्षा हुई जिसमें श्याम और उसके दोस्त सफल नहीं हो पाए वह फेल हो गए।

अकस्मात वहां एक भील जाति का शिकारी आ गया और उसने शेर पर हमला करके उसे मार भगाया।

जब वह कुछ दिन बाद विद्यालय पहुंचा वहां, प्रधानाचार्य ने उन सभी बालकों को बुलाया जिन्होंने परेड में भाग नहीं लिया था। इस पर रमेश का नाम नहीं पुकारा गया , बाकी सभी विद्यार्थियों को उनके अभिभावक को लाने के लिए कहा गया। रमेश ने सोचा कि मेरा नाम प्रधानाचार्य ने नहीं बोला लगता है वह भूल गए होंगे। रमेश प्रधानाचार्य के ऑफिस में गया और उसने प्रधानाचार्य से कहा कि मैं भी उस दिन परेड में नहीं आया था।

घड़े में पानी इतना कम था कि, उसकी चोंच पानी तक नहीं पहुँच सकी। यह देखकर वो परेशान हो गया। उसने हर तरीके से पानी पीने की कोशिश करी पर वो सफल ना हो पाया। वह निराश होकर जैसे ही वहाँ से जाने लगा तो उसकी नज़र अचानक कंकर पर पड़ी।

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गौरैया ने जवाब दिया, रामू, जब मैं ज़रूरत में थी तब तुमने मेरी मदद की थी और अब तुम्हारी मदद करने की बारी मेरी है। दयालुता हमेशा उन लोगों के पास लौटती है जो इसे देते हैं। 

धार्मिक बोध कथा: धार्मिकता के साथ जीवन की महत्वपूर्ण सीख

हिंदी कहानी फॉर किड्स

जब गांव के लोगों ने श्यामू की सफलता देखी तो वे आश्चर्यचकित रह गए। वे बोले, श्यामू, हमें माफ कर दो, हम तुम्हारी मेहनत की कद्र नहीं कर पाए। तुम्हारी मेहनत और ईमानदारी ने तुम्हें सफलता दिलाई है। 

एक बार की बात है, एक गरीब लकड़हारा अपने सात बच्चों के साथ रहता था। वह इतना गरीब था कि अपने बच्चों को ठीक से खाना भी नहीं दे पाता था। इसी को देखते हुए उसने अपने बच्चों को जंगल में छोड़ने का फैसला किया।

गीता की कहानी से यह get more info सीख मिलती है कि मेहनत और लगन से कोई भी सपना पूरा कर सकता है। अगर हम अपने लक्ष्यों के प्रति दृढ़ निश्चयी हैं, तो हम उन्हें प्राप्त कर सकते हैं।

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